प्राचीन रोमन इंद्रधनुषी कांच
प्राचीन रोमन इंद्रधनुषी कांच
उत्पाद विवरण: यह माला रोमन मोतियों की विशेषता है, जो 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 3वीं शताब्दी ईस्वी तक की है। इन मोतियों का इंद्रधनुषी रंग कांच के कई सालों तक जमीन के नीचे दबे रहने के कारण होता है, जिससे इसे एक अनोखी चांदी या बहुरंगी चमक मिलती है। यह अलेक्जेंड्रिया (आधुनिक मिस्र) से उत्पन्न हुई हैं, और यह मोती एक दुर्लभ और ऐतिहासिक खोज हैं।
विशेषताएँ:
- उत्पत्ति: अलेक्जेंड्रिया (आधुनिक मिस्र)
- लंबाई: 51 सेमी
- केंद्रीय मोती का आकार: 40 मिमी x 21 मिमी x 5 मिमी
- स्थिति: कृपया ध्यान दें कि ये प्राचीन वस्तुएं होने के कारण इनमें खरोंच, दरारें या टूट-फूट हो सकती है।
रोमन मोतियों के बारे में:
रोमन मोतियों की उत्पत्ति 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 3वीं शताब्दी ईस्वी के बीच की मानी जाती है। ये अलेक्जेंड्रिया (आधुनिक मिस्र) और सीरिया के तटीय क्षेत्रों जैसे स्थानों से आती हैं। रोमन साम्राज्य के दौरान, 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 4वीं शताब्दी ईस्वी तक, कांच की कारीगरी में काफी प्रगति हुई। कई कांच के उत्पाद बनाए और व्यापारिक वस्तुओं के रूप में निर्यात किए गए। भूमध्य सागर के तटों पर बनाए गए ये कांच की कलाकृतियाँ उत्तरी यूरोप से लेकर जापान तक के व्यापक क्षेत्र में फैली हुई थीं।
शुरुआत में, ज्यादातर कांच के उत्पाद अपारदर्शी होते थे, लेकिन 1वीं शताब्दी ईस्वी तक पारदर्शी कांच काफी लोकप्रिय हो गया था। विशेष रूप से गहनों के रूप में बनाए गए मोतियों की उच्च मूल्य होती है, जबकि कप और जग जैसी कांच की वस्तुओं के छेद किए हुए टुकड़े अधिक सामान्य हैं और इसलिए आज भी अधिक किफायती हैं।