प्राचीन सुलेमानी अगेट हीलिंग मोती
प्राचीन सुलेमानी अगेट हीलिंग मोती
उत्पाद विवरण: प्राचीन सुलेमानी अगेट (धारीदार अगेट) मोतियों का एक दुर्लभ धागा प्रस्तुत कर रहे हैं। तिब्बत में इन्हें "बैशाजग्रुल" (औषधि मोती) के नाम से जाना जाता है, ये मोती उच्च मूल्यवान होते हैं, और इन्हें द्ज़ी मोतियों के समान माना जाता है। ये अपनी दुर्लभता और महत्व के लिए संजोए जाते हैं।
विनिर्देश:
- लंबाई: 64 सेमी
-
प्रत्येक मोती का आकार:
- केंद्रीय मोती का व्यास: 11 मिमी
- मोटाई: 7 मिमी
विशेष नोट्स:
एक प्राचीन वस्तु होने के नाते, कृपया ध्यान दें कि इसमें खरोंच, दरारें या चिप्स हो सकते हैं। कुछ मोतियों में नए चिप्स हो सकते हैं, इसलिए कृपया विवरण के लिए तस्वीरों को देखें।
द्ज़ी मोतियों (चोंग द्ज़ी मोतियों) के बारे में:
द्ज़ी मोती तिब्बत के प्राचीन मोती हैं, जो उकेरे हुए कार्नेलियन के समान होते हैं, जहां प्राकृतिक रंगों को अगेट पर फायरिंग करके पैटर्न बनाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि ये मोती लगभग 1वीं से 6वीं सदी के हैं, हालांकि उपयोग किए गए रंगों की सटीक संरचना अभी भी एक रहस्य है। ये मुख्य रूप से तिब्बत में पाए जाते हैं, लेकिन भूटान और हिमालय क्षेत्र के लद्दाख में भी खोजे गए हैं। अलग-अलग फायरिंग पैटर्न को विभिन्न अर्थ माना जाता है, जिसमें "आंख" पैटर्न विशेष रूप से प्रतिष्ठित है। तिब्बत में, इन मोतियों को धन और समृद्धि के ताबीज माना जाता है, जो पीढ़ियों से सौंपे जाते हैं और गहनों के रूप में संजोए जाते हैं। हाल के वर्षों में, इनकी लोकप्रियता चीन में बढ़ी है, जहां इन्हें "तियानझू" (स्वर्गीय मोती) के नाम से जाना जाता है। कई प्रतिकृतियां समान तकनीकों का उपयोग करके बनाई जाती हैं, लेकिन प्राचीन द्ज़ी मोती अपनी असाधारण दुर्लभता और मूल्य बनाए रखते हैं।