जावानीस मोती माणिक सायुर
जावानीस मोती माणिक सायुर
उत्पाद विवरण: इस प्राचीन जावानीस मोती की समयहीन आकर्षण का आनंद लें, जो सुंदर मोज़ेक पैटर्न से सजा हुआ है। "मनिक सायुर" (सब्जी मोती) के नाम से जाना जाता है, यह टुकड़ा इतिहास की सार्थकता को अपने सूक्ष्म घिसाव और मामूली खरोंचों के साथ समेटे हुए है, फिर भी किसी बड़े नुकसान से मुक्त है। एक उत्कृष्ट प्राचीन वस्तु जो प्राचीन काल की भावना को जागृत करती है।
विशेषताएँ:
- उत्पत्ति: इंडोनेशिया
- अनुमानित उत्पादन अवधि: 4वीं से 19वीं शताब्दी
- आयाम: व्यास 39 मिमी x ऊँचाई 42 मिमी
- छेद का आकार: 7 मिमी
- विशेष नोट्स: एक प्राचीन वस्तु के रूप में, इसमें खरोंच, दरारें, या चिप्स हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी:
प्रकाश की स्थिति और फोटोग्राफी की प्रकृति के कारण, वास्तविक उत्पाद चित्रों से थोड़ा अलग दिखाई दे सकता है। प्रदर्शित रंग उज्ज्वल इनडोर प्रकाश के तहत देखे गए रंग हैं।
जावानीस मोतियों के बारे में (4वीं से 19वीं शताब्दी):
इंडोनेशिया के जावा द्वीप से उत्पन्न, इन मोतियों में कांच के पैटर्न होते हैं और इनके डिजाइन के आधार पर स्नेहपूर्वक नाम रखे गए हैं, जैसे "मनिक सायुर" (सब्जी मोती), "मनिक टोकेक" (छिपकली मोती), और "मनिक बुरुंग" (पक्षी मोती)। इन मोतियों की सटीक उत्पादन अवधि और उत्पत्ति अभी भी शोध का विषय है, और विद्वानों के बीच भिन्न मत हैं। यह विशेष मोती विशेष रूप से एक दुर्लभ, बड़े आकार का जावानीस मोती है, जो 4वीं से 19वीं शताब्दी के विस्तृत ऐतिहासिक समयरेखा को दर्शाता है, जो विद्वानों के विभिन्न विचारों के कारण है।