जावानीस मोती माणिक सायुर
जावानीस मोती माणिक सायुर
उत्पाद विवरण: यह एक खूबसूरती से संरक्षित बड़ा प्राचीन जावानीस मनका है, जिसे इसके जीवंत हरे और पीले मोज़ेक के कारण "मणिक सायूर" (सब्जी मनका) के रूप में जाना जाता है। मनका उत्कृष्ट स्थिति में है, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाने वाली जटिल कारीगरी को प्रदर्शित करता है।
विशेष विवरण:
- उत्पत्ति: इंडोनेशिया
- अनुमानित उत्पादन अवधि: 4वीं से 19वीं सदी
- आकार: व्यास 35 मिमी x ऊंचाई 36 मिमी
- छिद्र आकार: 5 मिमी x 4 मिमी
विशेष नोट्स:
एक प्राचीन वस्तु होने के नाते, इसमें खरोंच, दरारें या चिप्स जैसे पहनने के संकेत हो सकते हैं। कृपया ध्यान दें कि वास्तविक उत्पाद फोटोग्राफी के दौरान प्रकाश की स्थिति के कारण चित्रों से थोड़ा अलग दिखाई दे सकता है। रंगों को अच्छी रोशनी वाले वातावरण में जैसा दिखाई देते हैं, वैसे ही दर्शाया गया है।
जावानीस मनकों (4वीं से 19वीं सदी) के बारे में:
ये मनके, इंडोनेशिया के जावा द्वीप से खुदाई किए गए हैं, विभिन्न पैटर्न में आते हैं और इनके डिज़ाइन के आधार पर इन्हें प्यार से सब्जी मनका (मणिक सायूर), छिपकली मनका (मणिक टॉके), और पक्षी मनका (मणिक बुरुंग) जैसे नामों से जाना जाता है। इन मनकों की सटीक तारीख और उत्पत्ति अकादमिक बहस का विषय बनी हुई है। यह विशेष मनका एक दुर्लभ और असाधारण रूप से बड़ा नमूना है, जिसकी अनुमानित आयु 4वीं से 19वीं सदी के बीच है, जो चल रही विद्वतापूर्ण चर्चाओं के कारण है।