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जावानीस मोती मणिक प्रांगी
जावानीस मोती मणिक प्रांगी
SKU:abz0320-024
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उत्पाद विवरण: यह प्राचीन मनका, जिसे माणिक प्रंगी के नाम से जाना जाता है, चार रंगों के ग्रेडिएंट के साथ अपने सुंदर पाटिना और आकर्षण को दर्शाता है। समय के साथ आई पहन और मामूली खरोंचों के बावजूद, इसकी विंटेज अपील निस्संदेह मनमोहक है। यह बड़ा मनका जावानी कारीगरी और इतिहास का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
विशेषताएँ:
- उत्पत्ति: इंडोनेशिया
- अनुमानित उत्पादन अवधि: 4वीं से 19वीं शताब्दी
- आयाम: व्यास: 43 मिमी, ऊंचाई: 42 मिमी
- छेद का आकार: 10 मिमी
- विशेष नोट्स: एक प्राचीन वस्तु होने के कारण, इसमें खरोंच, दरारें, या चिप्स हो सकते हैं।
विशेष नोट्स:
फोटोग्राफी के दौरान प्रकाश की स्थिति के कारण, वास्तविक उत्पाद की रंगत छवियों की तुलना में थोड़ी अलग हो सकती है। कृपया ध्यान दें कि फोटो उज्ज्वल इनडोर प्रकाश के तहत ली गई थीं।
जावानी मनके (4वीं से 19वीं शताब्दी) के बारे में:
ये मनके इंडोनेशिया के जावा द्वीप से निकाले गए थे। इन्हें उनके कांच के पैटर्न के आधार पर विभिन्न उपनामों से जाना जाता है, जैसे कि सब्जी मनके (माणिक सायूर), छिपकली मनके (माणिक तोक्के), और पक्षी मनके (माणिक बुरुंग)। उत्पादन की सही तारीखें और स्थान अभी भी विद्वानों के बीच शोध और बहस का विषय हैं। यह विशेष मनका जावानी मनकों का एक दुर्लभ, बड़ा नमूना है, जिसकी अनुमानित उम्र 4वीं से 19वीं शताब्दी तक विद्वानों की ongoing चर्चाओं के कारण मानी जाती है।
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